शनि जयंती 2022: शनि जयंती पर 30 साल बाद अद्भुत संयोग हिंदू धर्म में शनिदेव को न्याय का देवता माना जाता है। ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष की अमावस्या को शनि जयंती मनाई जाती है। इस दिन सूर्य पुत्र शनिदेव का जन्म हुआ था। मान्यताओं के अनुसार, जिस किसी व्यक्ति पर शनिदेव मेहरबान होते हैं वह उसे रंक से राजा बना देते हैं। इसलिए बेहद जरूरी है कि व्यक्ति शनिदेव की पूजा अर्चना और दान करते रहना चाहिए। हालांकि, शनि जयंती के दिन किया गया दान का विशेष महत्व होता है। इस दिन दान करने से व्यक्ति व्यक्ति को सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है। तो आइए जानते हैं शनि जयंती पर क्या दान करें। काले तिल दान करने से अगर किसी की कुंडली में शनि दोष या शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या चल रही हो तो व्यक्ति को काले तिल जल की नदी में डालकर प्रवाहित करने चाहिए। ऐसा करने से शनि दोष में शांति मिलती है। साथ ही काले तिल का दान करने से राहु केतु और शनि के बुरे प्रभाव समाप्त हो जाते हैं। कोई व्यक्ति शनिदेव को प्रसन्न करना चाहते हैं और अपने जीवन की सभी परेशानियों से छुटकारा पाना चाहता है तो शनि जयंती के दिन सवा किलो काली उड़द की दाल का किसी गरीब को दान करें। मान्यता है की ऐसा करने से व्यक्ति को धन संबंधी परेशानियों से भी छुटकारा मिलता है। अधिकतर देखा होगा की लोग काली मिर्च और काले नमक का सेवन करते हैं। ऐसा करने से व्यक्ति के जीवन से शनि के अशुभ प्रभाव कम हो जाता है। काली मिर्च के साथ धन का दान साढ़ेसाती और शनि की ढैय्या चल रही हो तो शनिवार को काली मिर्च के कुछ दाने काले कपड़े में लपेटकर उसमें कुछ सिक्के रखकर दान कर दें। ऐसा करने से आपको लाभ मिलेगा। किसी व्यक्ति को बीमारी से घेर लिया हो तो काले कपड़े का दान करना चाहिए। शनि जयंती को शाम के वक्त किसी गरीब व्यक्ति को काले कपड़े और जूते दान करने से आपको काफी लाभ मिलेगा। शनि जयंती पर आप चाहें तो सात प्रकार के अनाज बाजरा, चना, चावल, गेहूं, ज्वार, मक्का और काली उड़द का दान करने से शनि दोष का असर कम होता है। इसके अलावा आप चाहे तो सरसो के तेल का दान भी कर सकते है। इन चीजों का दान काफी शुभ माना जाता है शनि जयंती पूजा विधि शनि जयंती के दिन सुबह स्नान करने के पश्चात साफ-सूथरे कपड़े पहन कर आसानी लगाकर शनि देव की प्रतिमा के सामने बैठ जाएं. अगर शनि देव की प्रतिमा नहीं है तो उसके जगह पर साबित सुपारी को प्रतिमा का स्वरुप मानकर रख दें. अब आप शनि देव को नीले फूल, फल, सिंदूर ,कुमकुम,काजल, अक्षत आदि अर्पित करें और सरसों के तेल का दीपक जलाएं. इसके बाद शनि देव का ध्यान करते समय 'ॐ शं शनैश्चराय नम:' 108 मंत्र का जाप व शनि चालीसा का पाठ करें. अगर आपके कुंडली में शनि का दोष है तो इस दिन शनि शांति पूजा और शनि तेलभिषेक का अनुष्ठान करने से कुंडली में शनि का प्रभाव भी दूर होता है.